ऐ मेरे वतन के लोगो
ऐ मेरे वतन के लोगो, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने हैं प्राण गंवाए
कुछ उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर ना आए
स्थाई :-
ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी
अन्तरा :-
1 ) जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आजादी जब तक थी सांस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी सगींन पे धर के माथा, सो गए अमर बलिदानी,
जो शहीद…
2 ) जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी, जो शहीद…
कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गोरखा कोई मद्रासी
3 ) सरहद से भरने वालाऽ3-2, हर बीर था भारतवासी
जो खूप विरा पर्वत पर, वो खून था हिन्दुस्तानी,
जो शहीद…
4 ) श्री खून से लथपथ काया, फिर भी बन्दुक उठा के एक-एक ने दस को मारा, फिर गिर गए होश गंवा के जब अन्त समय आया तो कह गए कि अब चलते हैं खुश रहना देश के प्यारोऽऽ-2, अब हम तो सफर करते है
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी, जो शहीद….
5 ) तुम भूल न जाना उनको, इसलिए कही ये कहानी जो शहीद हुए है उनकी, जरा याद करो कुर्बानी