तुम जियो हजारों साल
(गायिका : सुश्री आशा भौंसले जी)
स्थाई :-
तुम जियो हजारों साल, साल के दिन हों पचास हजार
अन्तरा :-
1. सूरज रोज आता रहे, रोज गाता रहे, लेके किरणों के मेले
पल छिन, कलियां गिन गिन, तेरा हर दिन तब तक रंगों से खेले
रंग जब तक बाकी हैं बहारों में,
तुम जियो हजारों साल…
2. यहां वहां, शाम हो चाहे जहां, युं ही झूमें शयां, सुनके तुम्हारी बातें
प्यार लिए, चांद का टीका किए, यूं ही जुगनू लिऐ, चमकें तुम्हारी
रातें नूर जब तक बाकी है सितारों में,
तुम जियो हजारों साल…