मेरा कर्मां तू मेरा धर्मां तूं
मेरा कर्मां तू मेरा धर्मां तूं
स्थाई :-
मेरा कमाँ तू मेरा धर्मां तू, तेरा सब कुछ मैं मेरा सब कुछ तूं
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
तू मेरा काँ तू मेरा धर्मां तूं मेरा अभिमान है
ऐ वतन महबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
हम जिऐंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए…
अन्तरा :-
1 ) हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई हम वतन का नाम हैं जो करे इनको जुदा मजहब नहीं इल्जाम है
तेरी गलियों में जलाकर नफरतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियां
लुट रहे हैं आप वो अपने घरों के लूटकर
खेलते हैं बेखबर अपने लहू से होलियां
हर कर्म अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए…
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