मेरे बाँके बिहारी सांवरिया,तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है,
स्थाई :-
मेरे बाँके बिहारी सांवरिया, तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है,
अन्तरा :-
1 ) आँख वालों ने तुमको है देखा, कान वालों ने तुमको सुना है,
तेरा दर्शन उसी को हुआ है, जिसकी आँखों पे पर्दा नहीं है,
मेरे बाँके बिहारी साँवरिया, तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है..
2 ) लोग पीते है पी पी के गिरते, हम भी पीते है गिरते नहीं है,
हम भी पीते है भगती का प्याला, यह अंगूरी पानी नहीं है,
मेरे बाँके बिहारी साँवरिया, तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है….
3 ) लोग मंदिर है मश्जिद है जाते, वहा राधे और कृष्ण है गाते,
राधे कृष्ण तो मन में वसे है, ये किसको पता ही नही है,
मेरे बाँके बिहारी साँवरिया, तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है….
4 ) सुबह शाम है तुम को पुकारा, तेरे नाम का लेके सहारा,
तेरे भक्तो ने जब भी पुकारा, तेरे आने में देर नही है,
मेरे बाँके बिहारी साँवरिया, तेरा जलवा कहाँ पर नहीं है….
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