सुनी है गोकुल नगरिया, आजा आजा सावरिया
स्थाई :-
सुनी है गोकुल नगरिया, आजा आजा सावरिया,
बरसाने में रसिक बुलाये, ग्वाल बाल सब मिल जुल आये,
तेरी सखिया देखे डगरिया, आजा आजा सावरिया,
सुनी है…….
अन्तरा :-
1 ) ऐसी प्रीत लगी मनमोहन, तेरे बिन सखी हो गयी जोगन,
ढूंढे नगर और नगरिया, आजा आजा सावरिया,
सुनी है……
2 ) वृन्दावन के तुम हो राजा, भगतो को अब दरश दिखाजा,
तू आके बजाजा मुरलिया, आजा आजा सावरिया,
सुनी है…….
3 ) ब्रिज नगरी की सब नर नारी, देखे भगत रास्ता तिहारी,
तुझे ढूंढे ये सारी गुजरिया, आजा आजा सावरिया,
सुनी है……
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