कोई देखे या ना देखे बाबा देख रहा है
स्थाई :-
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है,
अपनी गरज को माथा, टेक रहा है,
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है
अन्तरा :-
1 ) कल तक करता था , तू अर्जी , अब अपनी चलता , है मर्जी
एक दिन जमाना बोलेगा , हे बन्दे तूने हद कर दी
देख के दौलत आँखे सेक रहा है
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है,
2 ) तेरी करनी का फल प्यारे, इक दिन बाबा से पायेगा,
गीता में कहा विधाता ने, कोई ना बख्शा जाएगा,
नया भाव माल पुराना, बेच रहा है
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है………….
3 ) मैंने दान दिया, मैंने मान किया, मैं यहाँ गया, मैं वहाँ गया,
मैंने इसको दिया, मैंने उसको दिया, मैंने यह किया, मैंने वह किया,
तू जो लम्बी लम्बी लम्बी लम्बी, फेंक रहा है,
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है………..
स्थाई :-
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है,
अपनी गरज को माथा, टेक रहा है,
कोई देखे या ना देखे, बाबा देख रहा है
Post Comment